Bhutiya Kahani | पिकनिक का 1 दिन | Horror Story in Hindi

दोस्तों आप सभी इस Bhutiya Kahani (Horror Story in Hindi ) में स्वागत है यह Bhutiya Kahani (Horror Story in Hindi ) एक बच्चें और पिकनिक की है बच्चे के साथ कुछ ऐसा होता है की वह इस घटना की अपनी पूरी जिन्दगी भूल नही पाएंगे और बचपन में हमारे साथ भी बहुत कुछ होता है लेकिन कुछ ऐसी बाते भी होती है जिन्हें हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये कभी भूल नही पाएंगे . यह Bhutiya Kahani (Horror Story in Hindi ) की कुछ ऐसी ही है तो चलिए शुरू करते है कहानी पढना |

Bhutiya Kahani | पिकनिक का 1 दिन | Horror Story in Hindi
Bhutiya Kahani | पिकनिक का 1 दिन | Horror Story in Hindi

Bhutiya Kahani (Horror Story in Hindi ) पिकनिक का 1 दिन का आरम्भ :

पिकनिक का नाम सुनकर कौनसा बच्चा खुश नही होता। हर बच्चा पिकनिक मे जाने के लिए उत्साही होता है। पिकनिक का नाम सुनकर कोई भी बच्चा खुशी के मारे झूमने लग जाए। लेकिन एक ऐसी बच्ची जो पिकनिक का नाम सुनते ही उसकी रूह कांपने लग जाती। ऐसा क्या हुआ होगा जो पिकनिक का नाम लेते ही वो डर जाती। मै आपको उस लड़की के साथ ऐसा क्या हुआ, क्या घटना घटित हुई थी उस दिन, इन सब के बारे मे अवगत कराना चाहता हू।

उस बच्ची का नाम निकिता था। ये बात तब कि है जब निकिता 12वीं क्लास में पढ़ रही थी। एक दिन उसकी क्लास टीचर ने पिकनिक मे जाने प्लान बनाया था। पिकनिक का प्लान सुनते ही सभी बच्चे खुशी से झूमने लग गए। सबने पिकनिक मे जाने के लिए हामी भर दी। निकिता ने भी अपने सभी दोस्तों के साथ पिकनिक मे जाने के लिए हां कर दी। टीचर ने पिकनिक का प्लान पावागढ़ के लिए बनाया। पूरा स्कूल पिकनिक मे जाने के लिए तैयार हो गया। इसलिए प्रिंसिपल ने करीब 30 बस सभी बच्चों को ले जाने के लिए सुविधा की। ताकि बच्चे आराम से आ जा सके।

अंकिता सबसे पीछे वाली बस मे अपने दोस्तों के साथ बैठ गई। सभी बच्चे हँसते और मस्ती मजाक और अन्ताक्षरी खेलते खेलते बस से जा रहे थे। कुछ दूरी तक चलने के बाद जंगल के पास पहुँचते है, तभी अचानक से बस मे तेज आवाज आई। उस टाइम करीब रात के डेढ़ बजे रहे थे। वो तेज आवाज सुनकर ड्राइवर बस से उतरता है और देखता हैं तो पता चला कि बस का टायर फट गया है। फिर ड्राइवर बस मे बैठे सभी को कहता है कि बस का टायर फट गया है मुझे बस का टायर बदलना पड़ेगा।

टायर बदलने में करीब मुझे दो घंटे लगेंगे आप सभी नीचे उतर जाइए। ताकि मै टायर बदल सकु। आप सभी यहाँ पास के ढाबे में जा सकते हैं। वहां पर गर्म-गर्म चाय पी लीजिए। तब तक मैं इस टायर को फटाफट बदल कर सही कर देता हु।

सभी लोग ड्राइवर की बात सुनकर बस से उतर जाते है और पैदल चलते हुए उस ढाबे के पास पहुंचे। उस ढाबे के अंदर एक बूढ़ा व्यक्ति था जो चाय बना रहा था। इतनी रात को जंगल के बीच ढाबा खुला हुआ और एक बुढा इंसान को चाय बनाते देख सबको बड़ी हैरानी हुई।

उस ढाबे के बूढ़े आदमी ने बोला “आप सभी आराम से चाय पी लीजिए। यहां पर अक्सर लोगों की गाड़ी खराब हो जाती है। इसलिए मै अपना ढाबा हर समय खुला ही रखता हूं। ताकि आप जैसे राहगिरों की कुछ सेवा कर सकु।

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उस बूढ़े आदमी की बात सुनकर हम सबने चाय का ऑर्डर दे दिया। कुछ ही देर मे उन सबके लिए चाय बनाकर मेज पर रख दी। तभी निकिता चाय पीते हुए उसकी नजर एकदम ढाबे की छत की तरफ गई। वहां निकिता ने एक औरत को सफेद रंग की साड़ी में पहनी हुई और हवा मे उसके खुले बाल उड़ रहे थे। वो औरत वहाँ पर खड़ी जोर-जोर से हँस रही थी। उसके हँसने की आवाज किसी को सुनाई भी नही दे रही थी। न ही मुझे सुनाई दे रही थी। मानो बस अपना गला फाड़कर ऐसे ही मुह खोल दिया।

ये सब देखकर निकिता को बहुत डर लगा। डर के मारे उसने अपनी आंखें नीचे झुका दी। निकिता कांपते हुए किसी तरह से उसने चाय दोबारा पीना शुरू कर दी। तभी अचानक से जोर-जोर से किसी के चिल्लाने की आवाज जंगल की तरफ से आई । वो आवाज सुनकर ढाबे में बैठे हुए सभी बच्चे और टीचर बुरी तरीके से डर गए। सबको डरा हुआ देखकर उस बूढ़े आदमी ने कहा कि डरो मत मैं देखकर आता हूं वहाँ क्या है? आप लोग सभी यहीं पर बैठे रहना। इतना कहकर वो आवाज की तरफ चला गया।

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तभी हमारे पास बैठी एक लड़की को खून की उल्टी लगातार होने लगी। उसको ऐसा देखकर सबकी हालत और ज्यादा खराब हो गई। तभी एक टीचर ने सबको कहा कि तुम सब आग जलाओ और उसके बगल में जाकर बैठ जाओ। सबने मिलकर आग जला दी और एक गोल घेरा बनाकर बैठ गए। टीचर ने सभी को सख्त लहजे में कहा कि कोई भी अकेला कहीं नहीं जाएगा। वैसे भी सब इतने डरे हुए थे कि कोई भी अकेले कहीं पर भी जाने की हिम्मत हो नहीं रही थी।

सबको आग के पास बैठे-बैठे करीब तीन बज गए। तभी वही बुढा आदमी जंगल से लौटकर आया। उसने सबकी तरफ देखा और कहा कि तुम सभी उस चीख को भूल जाना, नहीं तो मुश्किल हो जाएगा। इतना कहकर वो ढाबा के अंदर चला जाता है। फिर ड्राइवर भी टायर बदलकर बस को लेकर ढाबे के पास पहुंच जाता है। सभी लोग भगवान का नाम लेकर बस में बैठ जाते है।

Bhutiya Kahani | पिकनिक का 1 दिन | Horror Story in Hindi
Bhutiya Kahani | पिकनिक का 1 दिन | Horror Story in Hindi

बस मे बैठते ही टीचर ने सबको कहा कि कोई भी एक दूसरे से बात नहीं करेगा। सब चुपचाप सो जाओ। टीचर की बात मानकर सब चुपचाप बस में सो जाते हैं। उसके बाद हम सभी पिकनिक स्पॉट पर पहुंचे और लगभग एक हफ्ते बाद घूमकर स्कूल आ गए। । पिकनिक में किसी ने दूसरे बस के बच्चों को उस रात के बारे में कुछ भी नहीं बताया, क्योंकि टीचर साफ साफ मना किया। लेकिन जैसे ही सब पिकनिक से लौट गए सबने अपने दोस्तों और दूसरी क्लास के बच्चो को उस ढाबे वाली भूतिया घटना के बारे में बताया। आज पिकनिक का नाम सुनते ही निकिता के मन मे उस भूतिया ढाबे की कहानी याद आ गई।

Bhutiya Kahani (Horror Story in Hindi ) पिकनिक का 1 दिन का आरम्भ :

दोस्तों आपका Bhutiya Kahani (Horror Story in Hindi ) पिकनिक का 1 दिन पढने के लिए धन्यवाद उम्मीद करता हूँ की आपको यह कहानी पसंद आई होंगी और आपको इस कहानी में क्या अच्छा लगा निचे कमेंट्स में जरुर लिखे . धन्यवाद .

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आवश्यक बात :-  दोस्यतों Bhutiya Kahani (Horror Story in Hindi ) पिकनिक का 1 दिन: पूरी तरह काल्पनिक है यह कहानि किसी भी अन्धविश्वास को बड़ावा देने के लिए नही लिखी गयी है इन्हें सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है |

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