Bhutiya Kahani | 1 अनजान भुत | Horror Story in Hindi

Bhutiya Kahani | 1 अनजान भुत | Horror Story in Hindi : यह कहानी है एक रास्ते वाले भूत की। जो आते जाते लोगों को डराता था। साथ ही अजीब अजीब आवाजे निकालता था। मै आपको इस रास्ते वाले भूत की कहानी से रूबरू कराता हू। रमेश नाम का आदमी था जो दिल्ली मे रहता था। उसके परिवार मे उसके अलावा कोई नही था। वो अकेला ही रहता था। वो दिल्ली मे एक फैक्ट्री में साफ- सफाई का काम करता था। उसका घर फैक्ट्री से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर था। उसके पास एक साइकिल भी थी। जिससे वो अपने घर से फैक्ट्री और फैक्ट्री से घर आता-जाता था। एक दिन वो अपना पूरा काम खत्म करके अपने घर की ओर लौट रहा था। तभी उसे रास्ते में एक लड़की दिखाई देती है जो उसे अजीब तरीके से घूर घूर के देख रही थी।

Bhutiya Kahani | 1 अनजान भुत | Horror Story in Hindi
Bhutiya Kahani | 1 अनजान भुत | Horror Story in Hindi

Bhutiya Kahani | 1 अनजान भुत | Horror Story in Hindi की कहानी का आरम्भ :

रमेश उसे इग्नोर करके अपने घर की ओर चल देता है। दूसरे दिन रमेश अपना काम खत्म करके अपने घर की ओर लौट रहा था। फिर उसे उसी जगह पर वही लड़की दिखाई दी। वो उसे अजीब तरीके से घूर रही थी। रमेश ने पलटकर भी उसकी तरफ नही देखा। वो अपने घर की ओर चल दिया। वो उसके पास रुका भी नही क्युंकि उसको उस लड़की से डर लग रहा था। इस प्रकार से वो लड़की उसे कही दिनों तक दिखी उसी जगह। वो लड़की उसे हर रोज की तरह एक नजर मे घूर रही थी। उसे यह सब समझ नही आ रहा था। यह सब क्या है।

बहुत दिन बीत गए। ऐसे ऐसे करते करते। एक दिन वो लड़की रमेश को वहां पर दिखाई नही दी। रमेश सोच में पड़ जाता हैं आज ऐसा क्या हुआ कि आज वो लड़की नहीं आई। सोचते सोचते वो अपने घर की तरफ निकल पड़ा। कुछ दिन बाद उसके घर पर एक चिट्ठी आई। रमेश ने उस चिट्ठी को देखा तो उसे पता चल गया था कि यह चिट्ठी उस लड़की की ही है। जो मुझे घूरती रहती थी। उसमें उसका नाम अंजलि लिखा हुआ था। उसने चिट्ठी खोली तो उसके अंदर एक लड़की की फोटो निकली थी। जो कि उसी ही लड़की की थी। वो यह सब देखकर आश्चर्यचकित गया कि उस लड़की को मेरा पता कैसे चला?

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उस चिट्ठी के अंदर यह लिखा हुआ था कि कल जब तुम फैक्ट्री के लिए निकलो। तो जहां पर मैं खड़ी रहती हूं वहां पर तुम मेरा इंतजार करना। उसके दूसरे दिन वो उसी जगह पर पहुंच गया। लेकिन वो लड़की वहां पर नहीं खड़ी थी। उसने उस लड़की का काफी इंतजार किया लेकिन वो वहाँ नही आई। फिर उसके बाद वो अपने घर की तरफ निकल दिया। जाते जाते उसको याद आया कि वो जो चिट्ठी आई थी। उस चिट्ठी पर उसमें उसका पता तो होगा। फिर वो चिट्ठी पर उसका पता पढ़कर उसके पते के अनुसार वो उसके घर मिलने के लिए चला जाता हैं। वो वहाँ पहुँच जाता है।

उस घर के दरवाजे पर आकर दरवाजा खटखटाता हैं। फिर कोई दरवाजा खोलता है उसके सामने एक आदमी होता है। फिर वो आदमी रमेश से पूछता है कि कौन हो? क्या काम है? रमेश बोलता हैं कि मुझे अंजलि से मिलना है। फिर वो आदमी बोलता हैं कि मैं उसका पापा हूं और अंजलि को मरे हुए लगभग 3 महीने हो चुके हैं। यह सब सुनकर रमेश के हाथ और पैर कापने लग जाते। चेहरा उसका पुरा नीला पड़ गया और उसके सिर से पसीने छुट्ने लग गए। वो सोच में पड़ गया कि जो लड़की मुझे रास्ते में मिली थी और जिसने मेरे घर पर चिट्ठी भेजी थी। वह लड़की कौन थी?

कई वो उसकी आत्मा तो नही थी? जो मुझे बार बार दिखाई देती थी।

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तभी अंजलि के पापा ने रमेश को दिखाते है देख लो उसकी तस्वीर जिस पर हमने माला पहनाई हुई है। रमेश उस तस्वीर को देखता है और सोचता है यह तो वही लड़की है जो मुझे फैक्ट्री वाले रास्ते पर दिखाई देती थी। बिना कुछ बोले उस घर से निकल जाता है। वो अपने घर पहुँचकर वो उस चिट्ठी को जला देता है और उस दिन के बाद से उसने कभी भी अनजान लोगों से मिलना और बात करना बंद ही कर दिया।

Bhutiya Kahani | 1 अनजान भुत | Horror Story in Hindi की कहानी का अंत  :

तो दोस्तों आपका हमारी यह Bhutiya Kahani | 1 अनजान भुत | Horror Story in Hindi पढने के लिए धन्यवाद प्लीज एक कमेंट करके जरुर बताये की आपको यह कहानी कैसी लगी, आपको सिर्फ एक सेकंड लगेंग लेकिन इससे मेरा दिन बन जायेंगा तो एक कमेंट जरुर करें .

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आवश्यक बात :- यह पूरी तरह काल्पनिक है यह कहानी किसी भी अन्धविश्वास को बड़ावा देने के लिए नही लिखी गयी है इन्हें सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है |

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