Short Horror Story in Hindi | अटूट प्रेम | Horror Story in Hindi

Short Horror Story in Hindi में दोस्तों में कुछ मजेदार और छोटी Bhutiya कहानियां आपके लिए लिखूंगा Short Horror Stories तो होंगी लेकिन काफी मजेदार भी होंगी जिन्हें आप पक्का एन्जॉय करेगे . वैसे आपनें बचपन में कई सारी कहानियां सुनी होंगी और ये भी हो सकता है कि आपने कभी न कभी कोई कहानी लिखी भी हो , बचपन में सुनी कहानियों को ही में यहाँ Short Horror Story in Hindi में लिख रहा हूँ आपका कहानी पढने के लिए धन्यवाद , अब कहानी को एन्जॉय कीजिये |

Short Horror Story in Hindi | अटूट प्रेम | Horror Story in Hindi
Short Horror Story in Hindi | अटूट प्रेम | Horror Story in Hindi

Short Horror Story in Hindi का आरम्भ : अटूट प्रेम 

एक बार की बात है एक मोम के पुतले बनाने वाला कारीगर होता है वो और उसकी पत्नी पिछले कबीर ३० सालों से मोम के पुतले बनाकर अपनी जिंदगी जी रहे थे लोगों को इनके मोम के पुतले इतने पसंद थे की लोग इनसे  मूह मांगी रकम पर पुतले बनवाते थे जिससे इनके पास पेसो की कोई कमी नही थी दोनों एक दुसरे से इतना प्यार करते थे की इनके प्यार की तारीफ सभी लोग करते थे लेकिन  हजारों दोनों खुशियों के बाद में इनके एक गम पिछले 30 सालों से साथ है की इन दोनों की कोई संतान नही है .

ये दोनों सालों से इसी प्रयास में लगे है की इसकी भी कोई संतान, कोई इन्हें भी मम्मी पापा करके बुलाये लेकिन हजारों उपायों के बाद भी इसके कोई संतान नही होती. हजारों खुशियों के बाद भी यह दोनों हमेशा बच्चे न होने की चिंता में ही रहते .

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एक बार इनकी दुकान में एक तपस्वी आये , तपस्वी ने इन दोनों से अपने देवता की एक मूर्ति बनाने के लिए आग्रह किया लेकिन वो एक तपस्वी थे उनके पास मूह बोली रकम नही थी इसलिए तपस्वी ने कहा की मेरे पास इतना धन नही है की में आपको उस मूर्ति के बदले दे सकू में आपको सिर्फ आशीर्वाद दे सकता हूँ तो क्या आप मेरे लिए मूर्ति बनायेंगे .

दोनों पति पत्नी तपस्वी महाराज के तेज से पहले ही प्रभावित हो चुके थे उन्होंने कहा “है महाराज हम आपके लिए मूर्ति अवश्य बनायेंगे चाहे इस उम्र में हमे धन को लालसा नही है हमें बस आपसे संतान प्राप्ति का आशीर्वाद चाहिये “.

तपस्वी महाराज थोडा सा मुस्कुराएँ और कहा की जरुर में आपको यह आशीर्वाद जरुर दूंगा अगर आप दोनों का एक दुसरे के प्रति अटूट प्रेम है तो जल्द ही आप का आँगन बच्चो की किलकारियों से गूंज उठेंगा .

दोनों पति पत्नी ने मिलकर तपस्वी महाराज के लिए एक शानदार और खुबसूरत मूर्ति बनाई जिसे देख तपस्वी जी बहुत खुश हुए और कहा की तुम दोनों की इच्चा जरुर पूर्ण होंगी लेकिन में तुम दोनों को एक-एक पत्र दे रह हूँ तुम दोनों को उसे ध्यान से पढना है और उसमे जो लिखा है उस पर अमल करना है और एकदूसरे को कभी भी नही बताना है की इसमें क्या लिखा है कभी भी नही बताना है .

दोनों ने इसके लिए हाँ कहा तब तपस्वी जी हे कहा की एक महीने बाद में वापस आऊंगा उम्मीद है ईश्वर सब अच्छा करेंगे |

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इन दोनों के पत्रों में एक ही बात लिखी थी की “संतान प्राप्ति के बाद एक मृत्यु का योग है’ मतलब की जैसे ही बच्चा आयेंगा दोनों में से एक की मृत्यु निश्चित है .

दोनों ने यह बात पढ़कर गंभीर शोक में चले गये और पुरे एक महीने तक एक दुसरे से सही से बात नही कर पाए एक महीने बाद जब तपस्वी जी फिर से उनके पास आये तब दोनों तपस्वी जी के पास आये और प्रणाम किया, तब तपस्वी सी ने पूछा आज में आपसे पत्र से संबधित एक सवाल करने आया हूँ लेकिन में एक एक करके आपसे सवाल करूंगा और दूसरा थोड़ी दूर रहकर जाकर खड़ा हो जायेंगा ताकि वो हमारी बाते न सुन सके |

तो तपस्वी जी सबसे पहले पति से सवाल करते है की क्या उसने वो पत्र पढ़ा.

आदमी हा बोलता है फिर तपस्वी जी बोलते है जैसे ही तुम्हारी संतान होंगी उसी समय तुम्हारी पत्नी मारी जाएँगी क्या तुम्हे ऐसा मंजूर है .

आदमी तपस्वी जी प्रार्थना करते हुए बोलता है की “नही नही मेरी जिन्दगी चली जाये पर मेरी पत्नी को कुछ न हो ईश्वर उसे मेरी भी आयु देदे में बस उसे संतान का सुख देना चाहता हूँ ताकि वो इस खुशी को भी जी सके चाहे फिर मेरी मौत ही क्यों न हो जाये “.

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फिर आदमी थोडा दूर चला गया और तपस्वी जी ने महिला से सवाल किया की अगर तुम्हारे बच्चा हुआ तो तुम्हारा पति मारा जायेंगा क्या तुम्हे यह मंजूर है तब पत्नी रोते हुए बोली “नही महाराज नही में उनके बारे में ऐसा सोच भी नही सकती , में खुशी खुशी अपनी जान दे सकती हूँ ताकि उन्हें एक बच्चा दे सकू. ईश्वर में मुझे हर खुशी दी है और मेरा पति मेरे लिए ईश्वर के समान है वो मेरे हर सुख दुःख का ख्याल रखते है अगर सम्भव हो तो मेरे प्राण चले जाये पर उन्हें कुछ ना हो  “

फिर तपस्वी जी दोनों को साथ बुलाकर पत्र पढने को कहते है दोनों आकर पत्र पढ़ते है और रोने लग जाते है एक दुसरे की मौत के बारे में सोच कर दोनों ही डर जाते है दोनों ही तपस्वी जी से अपनी मौत की बात कहते है और दुसरे के लिए संतान सुख मांगते है .

तब तपस्वी जी उन्हें बोलते है एक की मृत्यु की निश्चित है लेकिन में आप दोनों का अटूट प्रेम देख कर बहुत खुश हूँ इसलिए में आप दोनों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देता हूँ और में ही आपकी संतान के रूप में आऊंगा इतना कहते है तपस्वी जी वहां से गायब हो जाते है और 10 महीनो बाद इनके घर एक सुंदर से बच्चे का जन्म होता है लेकिन आज भी इस दोनों को यह बात समझ में नही आई की वो तपस्वी जी कौन थे और अचानक कहा गायब हुए इन दोनों के लिए तो वो ईश्वर के सामान थे.

Short Horror Story in Hindi का अंत : अटूट प्रेम 

दोस्तों हमारी यह कहानी पढने के लिए आप सभी का धन्यवाद उम्मीद करता हूँ की आपको यह Bhutiya kahani पसंद आई होंगी जल्द ही मिलते है एक नई कहानी के साथ . आप कमेंट करके जरुर बताये की आपको यह कहानी कैसे लगी .

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आवश्यक बात :- यह Short Horror Story in Hindi (अटूट प्रेम )  पूरी तरह काल्पनिक है यह किसी भी अन्धविश्वास को बड़ावा देने के लिए नही लिखी गयी है इन्हें सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है |

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