नमस्ते दोस्तों Short Horror Story in Hindi की इस कहानी में आप सभी का स्वागत है दोस्तों यह कहानी एक चुड़ैल की कहानी पर आधारित है और मुझे उम्मीद है की यह कहानी आपको पसंद आएंगी, कहानी तो अंत तक जरूर पढ़े🙏
मेरा नाम अमित है मै आप सब को एक आँखों देखा किस्सा सुनाने जा रहा हूँ। बात 5-6 साल पुरानी है उस समय में दिल्ली में रहता था कुछ दिनों से हमारे मुहल्ले में एक चुड़ैल के घूमने की अफवाह फैली हुई थी कुछ लोगों का कहना था की उन्होंने एक डरावनी औरत को रात के समय यहां घूमते हुए देखा है। वह कभी घरों की छत पर तो कभी गलियों में घूमती हुई दिखाई देती थी। इस वज़ह से लोगों ने छत पर सोना बंद कर दिया था अँधेरा होते ही गलियाँ सुनसान हो जाती थी डर का माहौल ऐसा था की एक दिन मुहल्ले के लोगों ने मिलकर रात भर पहरा भी दिया लेकिन उस दिन उन्होंने ना कुछ देखा ना ही कुछ उनके हाथ आया। (Short Horror Story in Hindi एक चुड़ैल की कहानी )

मुझे इस बात पर बिलकुल विशवास नहीं था जो भी चुड़ैल की बातें करता था, मै उसका मज़ाक उड़ाता था मेरा मानना था कि यह लोगों का वहम है या फिर कोई इन्सान है जो लोगों को डरा रहा है।
एक रात हमारे घर क़ी लाइट गई हुई थी सभी लोग अन्दर गर्मी में सोये हुए थे चुड़ैल के डर से कोई छत पर जाने कि हिम्मत नहीं कर रहा था,चाहे में चुड़ैल जैसे बातो का मजाक बनाया हूं लेकिन रात में तो मुझे भी डर रहा था मुझे भी ऊपर जाने क़ी मनाही थी। मगर जब गर्मी सहन से बाहर हुई तो मै और मेरा बड़ा भाई अपना बिस्तर उठा कर छत पर चले गए
मेरे भाई ने कहा में पानी का जग लेके आता हु जब तक तू बिस्तर लेकर छत पर चला जा। मैं छत की तरफ जाने लगा। छत पर पहुँच कर मैने देखा कि एक औरत छत के एक किनारे पर बैठी थी । उसकी नजरे हमारे छत के गेट की तरफ थी और उस 1 सेकंड में मैने अपनी आखों से उस औरत स्कैन कर लिया, जैसे में सब देख रहा था| उसके हाथ में मॉस का एक टुकड़ा था, जिसे वह खा रही थी। फटे पुराने कपड़े, मूंह से टपकता खून, जानवरों जैसे हाथ और शरीर से भी लंबे बाल। मेरे दिल की गति इतनी तेज थी की मैं आपको क्या ही बताऊं|
लेकिन मेरी आखें उससे भी तेजी से सब कुछ देख कर मुझे बता रही थी की सामने कोई साधारण औरत नही है मेरा दिमाग मुझे बार बार वहा से भागने के बारे में बोल रहा था लेकिन उसे देखते ही में जैसे मैं अपनी जगह पर जम सा गया| ये सब देखते ही मेरी हालत ख़राब हो गई, में मन ही मन में बार बार कोशिश कर रहा था की में भाग जाऊ में भाग जाऊ। मैने अपने शरीर की पूरी ताकत लगाई और अपना बिस्तर वही छोड़ नीचे भाग गया और दरवाज़ा अच्छी तरह बंद कर लिया। उस दिन से मुझे भी चुड़ैल वाली बात पर विश्वास हो गया।
अगले कुछ दिनों तक चुड़ैल देखे जाने की घटनाएँ होती रही पर कुछ दिनों बाद चुड़ैल दिखना बंद हो गई। लोगों का डर भी ख़तम होने लगा पर मेरा डर आज भी वैसे का वैसा ही है आज भी मैं अकेले रात में छत पर नही जा पाता, परिवार के साथ भी अगर में छत पर जाता हूं तो मैं हमेशा सबके बीच में रहता हूं मुझे नही लगता मैंने जो देखा उसे में कभी नहीं भूल पाऊंगा। उसकी लाल आंखे आज भी मेरे सपने में आकर मुझे डराती है।
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